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श्री बगलामुखी महायंत्र

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Specifications

श्री बगलामुखी महायंत्र

Description

श्री बगलामुखी महायंत्र :
देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक है। माँ बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री मानी जाती है। देवी अपने भक्तों के भय को दूर करती है साथ ही शत्रुओं और बुरी शक्तियों का भी नाश करती है। माँ बगलामुखी यंत्र को धार्मिक कार्यों में शुभ माना जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार बगलामुखी यंत्र का प्रयोग करने से तुरंत लाभ प्राप्त होता है । ऐसा कहा जाता है कि इस यंत्र में भयंकर से भयंकर मुसीबतों से लड़ने की क्षमता होती है। कलियुग में बगलामुखी की साधना करने से जातक के सभी कार्य शीघ्र सिद्ध होने लगते है। इस यंत्र के मध्य बिंदु पर देवी बगलामुखी का आह्वान किया जाता है और इसे पीतांबरी विद्या भी कहते है।

श्री बगलामुखी महायंत्र के लाभ :

बगलामुखी यंत्र की स्थापना करने से आपकी सारी मुसीबतें दूर हो जाती है।

यह यंत्र आपको बुरी नजर और शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।

अगर आप किसी कानूनी मामले में फंसे है, तो यह यंत्र इस मामले में भी आपकी मदद करता है।

बगलामुखी यंत्र आपको नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखता है।

यदि आपके घर में कोई लम्बें समय से बीमार है, तो इस यंत्र की स्थापना करने से तुरंत लाभ प्राप्त होता है।

ऐसा माना जाता है बगलामुखी यंत्र उस स्थान को पवित्र करता है, जहाँ इस यंत्र को स्थापित किया जाता है। इस यंत्र को पश्चिम की ओर पूर्व दिशा में लगाना सर्वोत्तम माना गया है। बगलामुखी यंत्र का प्रभाव सूर्य की बढ़ती किरणों के साथ ओर बढ़ता है। इस यंत्र को अपने घर या कारोबार में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस यंत्र का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए उचित स्थान पर स्थापित करना आवश्यक है। गलत स्थान पर स्थापित करने से आपको इस यंत्र का लाभ प्राप्त नहीं होगा। 

बगलामुखी यन्त्र को कहाँ और कैसे  स्थापना विधि -

इस यंत्र को पश्चिम की ओर पूर्व दिशा में लगाना सर्वोत्तम माना गया है।साथ ही इसे घर या दुकान के देव स्थान में भी स्थापित किया जाता है। बगलामुखी यंत्र का प्रभाव सूर्य की बढ़ती किरणों के साथ ओर बढ़ता है। इस यंत्र को अपने घर या कारोबार में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

बगलामुखी यंत्र की स्थापना रात में करनी चाहिए, क्योंकि इस समय यंत्र की ऊर्जा अधिक शक्तिशाली होती है। इस यंत्र का निर्माण महाशिवरात्रि, होली या दीपावली के दौरान करना चाहिए। इस यंत्र की स्थापित करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से इसको अभिमंत्रित करा लेना चाहिए ताकि आपको शीघ्र इसका पूर्ण लाभ मिल सके। 

बगलामुखी यंत्र को वेदी पर रखें और उसके समक्ष दीप और धूप प्रज्जवलित करें। यदि हो सके तो माता बगलामुखी के चित्र को भी यंत्र के सामने स्थापित करें। तत्पश्चात यंत्र पर गंगाजल छि़ड़के। बगलामुखी यंत्र की स्थापना और नियमित पूजा के वक्त पीला वस्त्र धारण करें, पीले आसन पर विराजमान हों और पीले फल या पीले फूल अर्पित करें। इस यंत्र के सामने मां बगलामुखी को समर्पित करते हुए 11 या 21 बार "ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुध्दिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा" का जाप करें। इसके बाद माता बगलामुखी से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें ताकि वह अधिक से अधिक शुभ फल प्रदान कर सकें। 

इस यंत्र को स्थापित करने के पश्चात इसे नियमित रूप से धोकर इसकी पूजा करें ताकि इसका प्रभाव कम ना हो। यदि आप इस यंत्र को बटुए या गले में धारण करते हैं तो स्नानादि के बाद अपने हाथ में यंत्र को लेकर उपरोक्त विधिपूर्वक  इसका पूजन करें। 

श्री बगलामुखी यंत्र का बीज मंत्र : 

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।
 

Notes

नियम एवं शर्तें -
1- यंत्र मेटल का बना हुआ है.
2- यंत्र की साइज़ 3 इंच x 3 इंच है.
3- सम्पूर्ण भारत में डिलीवरी फ्री रहेगी.
4- डिलीवरी 5-7 कार्य दिवसों में होगी.
5- किसी भी प्रकार के संपर्क के लिए
WhatsApp करें

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